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Writer's pictureDeepak Sinha

मुस्कान


गुलाबी है ये हवा , या गुलाबी हो गया ये मन जगी है दिल मे नयी उमंग... मायूस थी साँसें , अब नन्ही बच्ची की तरह हसती खेलती है आयने की आँखों मै खुशी झलकती है.. गम कि आँधी आयी थी, मुश्कीलो के तूफ़ान मे ख्वाब दफन हो गये , एक दिन अचानक , ऐक हवा का झोका उमीद का एहसास ले आया बस फिर कोई चेहरे की मुस्कुराहट कोई छीन ना सका -

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